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PMMSY Scheme: पीएमएमएसवाई योजना, मछुआरों के लिए 20,050 करोड़ रुपये का निवेश और नई योजनाएं

मत्स्यपालन क्षेत्र में क्रांति लाने वाली नई पहल
मत्स्यपालन क्षेत्र में क्रांति लाने वाली नई पहल

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत मत्स्य क्षेत्र के विकास और छोटे मछुआरों को लाभ दिलाने के लिए 20,050 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। यह योजना परंपरागत और छोटे मछुआरों, मछली पालकों और मत्स्य कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सामाजिक, भौतिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। साथ ही उन्हें उनकी पारंपरिक मत्स्य और इससे जुड़े सहायक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करती है।

मछुआरों के लिए आधुनिक तकनीक और आजीविका समर्थन Modern technology and livelihood support for fishermen:

पीएमएमएसवाई के तहत मछुआरों को नौका और जाल प्राप्त करने संचार उपकरणों, ट्रैकिंग डिवाइस, समुद्री सुरक्षा किट, बीमा कवर, और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले आधुनिक उपकरणों से युक्त नावों की सुविधा दी जाती है। इसके अतिरिक्त, समुद्री शैवाल की खेती, बाइवॉल्व कल्चर, सजावटी मत्स्य पालन, और खुले समुद्र में पिंजरा पालन जैसी वैकल्पिक आजीविका गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया जाता है।

नई मत्स्य पालन तकनीकों जैसे रि-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम और बायोफ्लॉक सिस्टम को अपनाने के साथ-साथ प्रशिक्षण, कौशल विकास, कोल्ड-चेन और मार्केटिंग सुविधाओं के निर्माण में भी सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर मछुआरों के परिवारों को मछली पकड़ने की बंद अवधि के दौरान आजीविका और पोषण संबंधी सहायता दी जाती है।

मत्स्य पालन के लिये 115.78 करोड़ रुपये परियोजना को मंजूरी:

जलवायु सहिष्णु मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए समुद्री शैवाल और बाइवॉल्व कल्चर, खुले समुद्र में पिंजरा पालन, कृत्रिम रीफ की स्थापना और एकीकृत मछली पालन को प्रोत्साहित किया गया है। इस दिशा में 115.78 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। साथ ही, पारंपरिक मछुआरों के लिए 480 गहरे समुद्र की मछली पकड़ने वाली नौकाओं और 1,338 मौजूदा नौकाओं के उन्नयन के लिए 769.64 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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मछुआरों की सुरक्षा के लिए 364 करोड़ की परियोजना 364 crore project for the safety of fishermen:

मछुआरों की समुद्र में सुरक्षा के लिए संचार और ट्रैकिंग डिवाइस, समुद्री सुरक्षा किट प्रदान करने के साथ-साथ 1 लाख मछली पकड़ने वाले जहाजों पर ट्रांसपोंडर लगाने की परियोजना शुरू की गई है। 364 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में आपातकालीन संदेश भेजने और प्राकृतिक आपदा या समुद्री सीमा पार करने के दौरान चेतावनी देने की सुविधा शामिल है।

तटीय गांवों के विकास पर विशेष ध्यान Special focus on development of coastal villages:

तटीय गांवों में आजीविका के अवसर और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए "जलवायु सहिष्णु तटीय मछुआरा गांवों" के रूप में 100 गांवों के विकास की परियोजना पर 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, मत्स्य पालक उत्पादक संगठन (एफएफपीओ) के गठन के लिए 544.85 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।

किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा: साल 2018-19 से मछुआरों और मत्स्य पालकों को कार्यशील पूंजी की आवश्यकता पूरी करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा प्रदान की गई है। अब तक 2.54 लाख केसीसी जारी किए गए हैं, जिनमें 2,121.29 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है।

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